इस्मत चुगताई, भारत में उर्दू की एक बेमिसाल लेखिका थीं। उन्हें ‘इस्मत आपा’ के नाम से भी जाना जाता है। वे उर्दू साहित्य की सबसे लोकप्रिय और विवादास्पद लेखिका भी रहीं, जिन्होंने महिलाओं के सवालों को नए सिरे से उठाया। उन्होंने निम्न मध्यवर्गीय मुस्लिम तबक़े की दबी-कुचली, सकुचाई और कुम्हलाई, लेकिन जवान होती लड़कियों की मनोदशा को उर्दू कहानियों और उपन्यासों में पूरी सच्चाई से बयान किया। इस शो के ज़रिये हम आपको उन्हीं कहानियों और उपन्यासों की दुनिया में ले जा रहे हैं। आशा है, आपको पसंद आएँगे। तो आइये सुनते हैं ‘इस्मत चुगताई के अफ़साने’।
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भाभी
शो के पहले एपिसोड में सुनिए, एक नवविवाहित भाभी का अफ़साना, जो अपने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत करने जा रही है। हर नई दुल्हन की तरह शादी के बाद उनके जीवन में बदलाव से उनके मन के भाव भी बदलते हैं। ये इस्मत जी की एक साधारण मगर खूबसूरत कहानी है। इस्मत की ये कहानी उनकी असल ज़िन्दगी से काफी हद तक जुड़ी हुई है।
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दो हाथ
इस्मत चुग़ताई जी की कहानी 'दो हाथ' दिल को छू लेने वाली एक अनोखी कहानी है। इस में उन्होंने ज़िन्दगी की एक कड़वी सच्चाई दिखाने की कोशिश की है। जब इंसान गरीब होता है, तब उसकी ज़िन्दगी में क्या चीज़ें मायने रखती है और एक वर्ग से दूसरे वर्ग की सोच में किस क़दर फ़र्क़ होता है। यह कहानी नैतिकता भरे पेट वालों के लिए ही है।
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जड़ें
जड़ें' में इस्मत जी एक ऐसी बूढ़ी औरत के बारे में बताती है, जो भारत के विभाजन से जुड़ी बहुत सी बातों को नहीं समझ पाई। वह पाकिस्तान के लिए अपना घर नहीं छोड़ना चाहती थी। वह अपनी जड़ों से बहुत प्यार करती है और उनसे दूर नहीं जाना चाहती है। वह अपनी ज़मीन, देश और अपने पड़ोसियों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। उन्हें इन सब चीज़ों को छोड़ने से मर जाना बेहतर लगता है।
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लिहाफ
साल 1942 में जब इस्मत जी की कहानी ‘लिहाफ’ प्रकाशित हुई तो साहित्य-जगत में बवाल मच गया। समलैंगिक रिश्तों पर लिखी गयी, इस कहानी को लोगों ने अश्लील करार दिया। यहाँ तक कि उन पर लाहौर कोर्ट में मुकदमा भी चला। उस दौर को इस्मत जी ने अपने लफ़्ज़ों में बखूबी बयान किया है। आइये सुनते हैं, उनकी सबसे चर्चित और विवादित कहानियों में से एक - 'लिहाफ'।
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मुग़ल बच्चा
मुग़ल बच्चा' की कहानी उस समय की है, जब मुगल सल्तनत का अंत हो रहा होता है। फतेहपुर सीकरी की कहानी में, मुगलों के बच्चों की जागीरें लुट चुकी हैं और दिमागी तवाजुन भी खराब हो चुका है। इस दौरान एक मुगल बच्चे की शादी, एक गोरी लड़की से होती है क्योंकि वह काला है तो लोग उसे बहुत चिढ़ाते हैं। वह ठान लेता है कि वह दुल्हन का घूंघट नहीं उठाएगा। तब ऐसा करते-करते उसकी जवानी खत्म हो जाती है और वह कभी उसकी शक्ल नहीं देखता। फिर जब वो मरने के करीब होता है तो अपनी बेगम को बुलाता है और कहता है कि घूंघट उठाओ और जैसे की वो घूंघट उठाती है तो उसकी मौत हो जाती है