‘देश की नदियां’ में आप नदियों की कहानी उनकी ही ज़ुबानी सुनेंगे। हिमालय पुत्री गंगा हो या फिर दक्षिण भारत की गंगा कही जाने वाली कावेरी , कैसे ये नदियां कई समय से कलकल कर बहती चली आ रही हैं। हर नदी के साथ कुछ ना कुछ कहानी ज़रुर जुड़ी है। भारत ही ऐसी ही 10 पवित्र और उन्मुक्त नदियों की गाथा आप इस शो में सुन सकेंगे।
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गंगा नदी
गंगा, जान्हवी और भागीरथी कहलाने वाली हिमालयराज की पुत्री गंगा सिर्फ नदी ही नहीं, बल्कि कई लोगों की आस्था और विश्वास इसके साथ जुड़े है। गंगा के धरती पर आने की कहानी से लेकर उनके शिव की जटाओं में बंध जाने की गाथा आप इस एपिसोड में सुनेंगे।
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यमुना नदी
सुर्य पुत्री यमुना यम और शनि की बहन होने के साथ साथ श्री कृष्ण की अनन्य भक्त है। कहा जाता है कि जो भी यमुना में स्नान करता है, वो अकाल मृत्यु से दूर रहता है। उत्तर भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक यमुना श्याम वर्ण की क्यों है, यमुना का अस्तित्व क्या है? यमुना के जुड़ी कई कहानियां प्रचलित है, जो आप इस एपिसोड में सुनेंगे।
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कावेरी नदी
दक्षिण भारत की गंगा कही जाने वाली कावेरी की कहानी उसी की ज़ुबानी। कहा जाता है कि कावेरी जहां से भी हो कर गुज़रती है वहां हरियाली लाती है। कर्णाटक के कुर्क से निकलने वाली यह कावेरी बंगाल की खाड़ी में जाकर समुद्र में मिल जाती हैं। अपनी यात्रा में कई रुप बदलती इस कावेरी से हम आपकी मुलाकात इस एपिसोड में करायेंगे।
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सरयू नदी
मर्यादा पुरुषोत्म श्री राम की जन्मभूमि से बहने वाली सरयू नदी का इतिहास गगा से भी पुराना है। जब गंगा धरती पर अवतरित हुई थी, तो वह सरयू में ही जाकर मिली थी। कहते है कि सरयू नदी में स्नान कर मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। तभी तो श्री राम ने इस नदी में जलसमाधि लेकर अपने मानव शरीर का त्याग किया था। वैदिक कालीन इस नदी का उल्लेख ऋगवेद में भी मिलता है। रामचरित्र मानस में तुलसीदास ने भी इस नदी का गुणगान किया है। कलकल करती इस नदी सरयू की कहानी उसी की ज़ुबानी।
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सिंधु नदी
सिंधु अपनी विशालता के लिए मशहूर है। सिंधु इतनी विशाल है कि लोग अक्सर उसे नदी ना समझ समुंद्र समझ बैठते हैं। जिस सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में आप सभी ने पढ़ा है, वो इसी के किनारे विकसित हुई थी। इस नदी को 'इंडस' भी कहा जाता है, जिसपर हमारे देश का नाम इंडिया पड़ा, लेकिन बंटवारे के बाद इसका ज़्यादा हिस्सा पाकिस्तान में बहता है। सिंधु से ही हिन्दू और हिन्दुस्तान भी बना। सुनते है सिंधु को।
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नर्मदा नदी
भगवान शिव के पसीने से जिस नदी का जन्म हुआ है, वो नर्मदा है। रेवा और मेकलसुता के नाम से जानी जाती नर्मदा के बारे में प्रचलित है कि इस नदी से निकला हर पत्थर शिवलिंग के आकार का होता है, जिसे बिना प्राण प्रतिष्ठा के भी स्थापित किया जा सकता है। गंगा से भी पवित्र मानी जाती यह नदी क्यों विपरित दिशा में बहती है? नर्मदा से जुड़े कई किस्से आप इस एपिसोड में सुन सकते हैं।
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गोदावरी नदी
दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी और वृद्ध गंगा के नाम से जानी जाती गोदावरी के किनारे त्र्यंबकेश्वर नाम का ज्योतिर्लिंग है। इस नदी का नामकरण तेलगू शब्द गोद से हुआ है, जिसका अर्थ है मर्यादा। मान्यता है कि सिहंस्थ वर्ष में इस नदी में जो कोई भी स्नान करता है, उसके पितरो को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। इस नदी से जुड़ी और भी कई मान्यताओं को आप इस एपिसोड में सुन सकते हैं।
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सरस्वती नदी
एक ऐसी नदी जिसके प्रवाह, उदगम और लुप्त होने की कहानी कम ही लोग जानते है। इस नदी को किसी ने नहीं देखा, लेकिन इसके होने के कई प्रमाण मिलते हैं। ऋगवेद इसी नदी के किनारे बैठ कर लिखा गया था। इस नदी को भाषा, कला और विज्ञान की देवी के तौर पर पूजा जाता है। ऐसा प्रचलित है कि बलराम ने द्वारका से लेकर मथुरा तक की यात्रा सरस्वती नदी को पार कर के ही की थी। इस नदी की ऐसी ही प्राचीन कहानियों और मान्यताओं पर है हमारा यह एपिसोड।
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ब्रह्मपुत्र नदी
इस नदी में कई नदियों का समन्वय होता है, कई संस्कृति के समन्वय की भी ये नदी ग्वाह रही है। यह भारत की ही नहीं, बल्कि एशिया की सबसे लंबी नदी है। तिब्बत और भारत से होकर बंगलादेश बहकर जाने वाली इस नदी की कहानी काफी दिलचस्प है।
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गोमती नदी
गोमती को देनो के देन महादेव ने अपनी पुत्री माना है। भगवद गीता के अनुसार जो कोई भी गोमती नदी में स्नान करेगा उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार राम पर जब ब्रहम हत्या का पाप चढ़ा तो उन्होंने भी इसी नदी में स्नान किया था। इस नदी का इतिहास काफी प्राचीन है।
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झेलम नदी
झेलम नदी का नाता कश्मीर से है। ऋगवेद के अनुसार कश्यप ऋषि ने मां पार्वती से प्रार्थना की थी कि वो कश्मीर की धरती को पवित्र करे और अपनी ताकत से कश्मीर के लोगों का कल्याण करे। तब स्वयं मां पार्वती झेलम नदी के रुप में प्रकट हुई और उन्होंने कश्मीर की धरती को पवित्र किया। यह नदी पाकिस्तान के प्रसिद्ध नगर झेलम के पास से बहती थी इसलिए इस नदी का नाम झेलम पड़ा।
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महानदी
महानदी को छतीसगढ़ की गंगा भी कहा जाता है। प्राचीन काल में इसे चित्रोप्तला के नाम से भी जाना जाता था। महानदी छतीसगढ़ और उडिसा की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीन होने के कारण महानदी का इतिहास रामायण और महाभारत के काल से भी जुड़ा है।
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तमसा नदी
तमसा नदी का ज़िक्र पौराणिक कथाओं में भी है। इसके तट पर श्रीराम ने वनवास जाते वक्त पहली बार विश्राम किया था। इस घाट को राम चौराहा भी बोला जाता है। तमसा नदी की यही कहानी हम आज के एपिसोड में लेकर आए है।
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ताप्ती नदी
सूर्य पुत्री, न्याय की देवता और शनि की छोटी बहन के तौर पर जानी जाती ताप्ती नदी का वर्णन सभी वेदों में है। इस नदी के किनारे बारह लिंगो की स्थापना की गई हैं। इसे पाप और श्राप हरने वाली नदी के तौर पर जाना जाता है। ताप्ती नदी से जुड़ी कई मान्यताओं को आप इस एपिसोड में सुन सकेंगे।
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व्यास नदी
इस नदी का ज़िक्र रामायण और महाभारत में किया गया है। यह नदी हिमाचल प्रदेश के हिमालय के जसकर पर्वत माला से निकलती हैं। व्यास नदी से व्यास कुड की उत्पति होती हैं। इस नदी के साथ कई तरह की कथाएं और लोगों का विश्वास जुड़ा है, जिसे हम आज के एपिसोड में आपके लिए लेकर आए हैं।