26/11 जब मुंबई थम गयी थी
Duration
0hr 27m
Language
Hindi
Released
Category
Entertainment
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26 नवंबर, 2008 - हमारे देश के इतिहास का ऐसा दिन जो भुलाए नहीं भूलता। 26 नवंबर 2008 की शाम तक मुंबई में हर-रोज की तरह चहलकदमी हो रही थी। शहर के हालात पूरी तरह सामान्य थे। लोग बाजारों में खरीदारी कर रहे थे। वहीं, कुछ लोग मरीन ड्राइव पर रोज की तरह समुद्र से आ रही ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे मुंबई रात के अंधेरे की तरफ बढ़ना शुरू हुई, वैसे-वैसे मुंबई की सड़कों पर चीख-पुकार तेज होती चली गई। पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। यह भारतीय इतिहास का वो काला दिन है, जिसे कोई चाह कर भी नहीं भूल सकता। हथियारों से लदे इन आतंकियों के हमलों से 160 से ज्यादा लोग मारे गए और 300 ज्यादा लोग घायल हुए थे। मैं आकाश इस दिल दहलादेने वाले हमले का गवाह हूँ। उस वक़्त मुंबई मेरे लिए अंजान था। मुंबई आते वक़्त कभी नहीं सोचा था की अपने सफर की शुरुआत मुझे ऐसे खतरनाक हादसे को देखकर करनी होगी। आज मैं आप सभी को अपने जीवन के उसी हिस्से के बारे में बताने जा रहा हूँ। मुझे यकीन है मेरी कहानी सुन आपको भी उस दिन से जुड़ी सभी बातें याद आएंगी। क्रिएशन पार्टनर हैडरूम टीम (Creation partner Headroom Team)
26/11 जब मुंबई थम गयी थी
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26 नवंबर, 2008 - हमारे देश के इतिहास का ऐसा दिन जो भुलाए नहीं भूलता। 26 नवंबर 2008 की शाम तक मुंबई में हर-रोज की तरह चहलकदमी हो रही थी। शहर के हालात पूरी तरह सामान्य थे। लोग बाजारों में खरीदारी कर रहे थे। वहीं, कुछ लोग मरीन ड्राइव पर रोज की तरह समुद्र से आ रही ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे मुंबई रात के अंधेरे की तरफ बढ़ना शुरू हुई, वैसे-वैसे मुंबई की सड़कों पर चीख-पुकार तेज होती चली गई। पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। यह भारतीय इतिहास का वो काला दिन है, जिसे कोई चाह कर भी नहीं भूल सकता। हथियारों से लदे इन आतंकियों के हमलों से 160 से ज्यादा लोग मारे गए और 300 ज्यादा लोग घायल हुए थे। मैं आकाश इस दिल दहलादेने वाले हमले का गवाह हूँ। उस वक़्त मुंबई मेरे लिए अंजान था। मुंबई आते वक़्त कभी नहीं सोचा था की अपने सफर की शुरुआत मुझे ऐसे खतरनाक हादसे को देखकर करनी होगी। आज मैं आप सभी को अपने जीवन के उसी हिस्से के बारे में बताने जा रहा हूँ। मुझे यकीन है मेरी कहानी सुन आपको भी उस दिन से जुड़ी सभी बातें याद आएंगी। क्रिएशन पार्टनर हैडरूम टीम (Creation partner Headroom Team)
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