‘जीना इसी का नाम है’ में हम आपके लिए कुछ ऐसी कहानियां लेकर आ रहे हैं, जो आपसे , हमसे और सभी की ज़िंदगियों से जुड़ी है। आप किसी भी बात को लेकर उलझन में है, किसी तरह की कशमकश में है, तो हमारा दावा है कि ये कहानियां आपका मार्गदर्शन ज़रुर करेंगी।
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शो का परिचय
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खुद की प्रशंसा
ये कहानी मोहन की है, जो खुद की प्रशंसा सुन कर तो काफी खुश होता है, लेकिन क्या होता है जब वह लोगों के मुंह से अपनी बुराईयां सुनता है। दरअसल हम सबमे मोहन छिपा है। क्यों लोगों की आलोचनाओं और टीकाओं को सुन उदास नहीं होना चाहिए? कैसे हम अपना व्यवहार संतुलित रख सकते है, जानिए हमारी इस कहानी 'प्रशंसा' में।
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सुनार की मौत
हर किसी के कर्म का फल उन्हें इसी जन्म में भुगतना पड़ता है। यह बात आपने कई बार सुनी होगी। आप भी उलझे हुए है कि आप के साथ अन्याय क्यों हो रहा है? क्यों आपको भगवान सजा दे रहा है? तो हमारी इस कहानी 'सुनार की मौत' सुनकर आपको ये सारे जवाब ज़रुर मिल जाएंगे।
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प्रेमजाल
गीता में कहा गया है कि हमे अपने कर्म करने चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। दरअसल हम सब के साथ कोई भी बुरी घटना हो जाने पर हम बहुत दुखी हो जाते है। दरअसल हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो अच्छा हो रहा है, वो भगवान की कृपा है। जो बुरा हो रहा है, वो भी भगवान की ही कृपा है। इसलिए निराश होने से कोई फायदा नहीं है।
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सुव्रत
हम अक्सर ऐसे कई लोगों से मिलते है, जो हमे घृणा करते है। स्वाभाविक है कि हम भी उनसे घृणा करने लगते है। लेकिन किसी से भी प्रेम पाने या उसका दिल जीतने का सबसे आसान तरीका है प्रेम।
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महात्मा
क्यों हमेशा बड़ो की बात माननी चाहिए? ऐसा क्या है जो करने से हमेशा घर में शांति बनी रह सकती हैं? इस कहानी में महात्मा की दी गई सीख को अगर आप भी अपने जीवन में उतार लेगे तो हमेशा खुश रहेंगे।
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लोभ
लोभ क्या है, क्यों लोभ हमे हमारे असल लक्ष्य से भटका देता है। गुरु गोविंद की ये कहानी आपके ऐसे ही कई सवालो का जवाब है।
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संत और ज्ञानी
संतो की पहचान कैसे हो, कैसे पता चले कि सामने वाला हमारा भला चाहता है या नहीं। अक्सर हम कुछ चीज़ो को लेकर उधेड़बुन में रहते है कि अपने मन की बात कहां करे। दरअसल जिन लोगों के पास बैठ कर संतोष हो, हमारी सभी शंकाए दूर हो, ऐसे ही लोग संत माने जा सकते हैं।
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मकड़ी
इस कहानी में यह बताया गया है कि हर किसी को अपने उद्देश्य के प्रति आगे बढ़ते रहना चाहिए और उसका पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए। दूसरों के हमारे लिए क्या विचार है, उस बात से हमें खुद को नहीं आंकना चाहिए क्योंकि कई बार दूसरे के विचारों से हम इतना प्रभावित हो जाते हैं कि हम अपने उद्देश्य से विमुख हो जाते हैं।
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स्वतंत्रता
हम अक्सर स्वतंत्र होना चाहते है और सत्य को खोजना चाहते है, लेकिन सत्य वाकई में कहां है, स्वतंत्रता की सही परिभाषा क्या है? दरअसल खुद को जान लेना, स्वयं को पहचान लेना ही हमारे हर सवाल की खोज है. जानिएं हमारे इस एपिसोड में.
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तेनाली रामा
तेनाली रामा को उनकी चतुरता और बुद्धिमता के लिए जाना जाता है। वह अपनी चतुराई से राजा कृष्णदेवराय को आकर्षित करते रहे हैं। तेनाली रामा की यूं तो हर कहानी में कुछ ना कुछ सीख ज़रुर होती हैं। इस एपिसोड में क्या सीख है, जानने के लिए सुनिए यह कहानी।
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स्वामी विवेकानंद
ये कहानी है नरेन्द्रनाथ दत्ता की जो श्री रामकृष्ण को बहुत मानते थे। किस तरह नरेन्द्रनाथ दत्ता स्वामी विवेकानंद बने इसकी कहानी हम इस एपिसोड में सुनेगे।