हमारी सेहत के लिए तेल कितना अच्छा है, यह न सिर्फ तेल की मात्रा पर, बल्कि तेल की किस्म और इसे इस्तेमाल करने का जो तरीका होता है उसपर भी निर्भर करता है। अक्सर खान-पान के मामले में हम तेल को अपना दोस्त बना लेते हैं। इसके बिना हमारा काम ही नहीं चलता। हमारी जबान को इसकी अच्छाइयां पता हैं, लेकिन दिल से इसकी दोस्ती ज़्यादा ठीक नहीं, क्योंकि ज़्यादा इस्तेमाल हमें बीमारियां भी देता है। खाने वाला तेल स्वाद के साथ – साथ कितना असरदार है सेहत के लिए, इसका भी बराबर ध्यान देना पड़ता है। आज कई तरह के तेल जैसे सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, जैतून (ऑलिव) कई किस्म के तेल या देसी और वनस्पति घी हमारे रोजमर्रा के खान-पान का हिस्सा हैं।कैसे हम स्वाद और तेल में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बीच संतुलन कायम करें और कौन सा तेल हमारे लिए कैसे हो सकता है सहायक, चलिए जानते है।
सरसों का तेल: बालों में लगाने और त्वचा के लिए भी यह बहुत उपयोगी है।
आहार विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इस तेल को खाना बनाने के लिए अच्छा मानते हैं। अचार बनाने, खाना बनाने में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का अनुपात एकदम सही मात्रा में पाया जाता है सरसों का तेल ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है बल्कि इसमें मौजूद हैल्दी फैट की भरपूर मात्रा मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाती है जिससे हमारी याददाश्त अच्छी होती है और सोचने समझे की शक्ति में इजाफा होता है
नारियल तेल का उपयोग खाना बनाने में : शरीर को हेल्दी रखने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है. इस तेल में मौजूद मिनरल्स आपकी बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाकर आपको हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
आहार विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इस तेल को खाना बनाने के लिए अच्छा मानते हैं। अचार बनाने, खाना बनाने में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का अनुपात एकदम सही मात्रा में पाया जाता है सरसों का तेल ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है बल्कि इसमें मौजूद हैल्दी फैट की भरपूर मात्रा मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाती है जिससे हमारी याददाश्त अच्छी होती है और सोचने समझे की शक्ति में इजाफा होता है
जैतून तेल: इसका इस्तेमाल ब्लड प्रेशर कम करने में बहुत उपयोगी है।
यह ऑलिव ऑयल के नाम से लोकप्रिय है।जैतून का तेल शरीर में लो डैन्सिटि लिपोप्रोटीन को कम करता है और हाई डैन्सिटि लिपोप्रोटीन की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है। जिसके कारण दिल का दौरा आने की संभावना बहुत कम हो जाती है,सरल शब्दों में कहा जाए तो यह हृदय के लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक है।इसका लाभ लेने के लिए जैतून के तेल का प्रयोग बीच – बीच में खाना बनाने के लिए करते रहना चाहिए।
मूंगफली तेल उच्च रक्तचाप की समस्या के लिए भी मूंगफली का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है।
खाने लिए यह तेल अच्छा माना जाता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल कम करता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन ई हमें नुकसानदायक तत्वों से बचाते हैं। यह तेल कैंसर से लड़ने के अलावा आपकी पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। इसमें स्टेरिक एसिड, पाल्मिलिक एसिड और ओलिक एसिड पाया जाता है जो आपको सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है।
सूरजमुखी तेल सूरजमुखी के बीजों में प्रचुर मात्रा में मौजूद विटामिन बी6 और जिंक शरीर का मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रखते हैं
यह पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें बनने वाला खाना ज़्यादा समय तक अच्छा रहता है।सूरजमुखी के बीजों में मौजूद विटामिन ‘ई’, संधिशोथ, अस्थमा, पेट के कैंसर, उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर, उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे और स्ट्रोक आदि गंभीर रोगों से बचाव करता है। पर 40 की उम्र पार कर चुके कुछ लोगों को इसे पचाने में दिक्कत होती है।
बदलते रहें तेल सूरजमुखी और मूंगफली के तेल में केमिकल रिएक्शन का खतरा सबसे ज़्यादा होता है, इसलिए इन्हें बंद डिब्बे में रखें।
अक्सर ऐसा भी होता है कि किसी एक तेल पर हमारा दिल आ जाता है और हम फिर उसका साथ नहीं छोडते। किसी एक तेल से इतना प्यार अच्छा नहीं हैं। हर तेल में अलग-अलग तरह के गुण होते हैं। किसी तेल में दिल की बीमारियों से लड़ने के गुण ज्यादा हैं तो कोई दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हमारे शरीर को इन सभी गुणों की जरूरत होती है। ओमेगा 3, ओमेगा 6 जैसे कुछ फैटी एसिड हमारे शरीर में नहीं बनते। पर, वो हमारे लिए जरूरी होते हैं। इसलिए डॉक्टर ऐसे तेल के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ऐसे में हर दो या तीन महीने में तेल को बदलते रहना चाहिए।
अगली बार जब मार्केट जाए तेल खरीदने तो इन बातों का ख्याल रखें। स्वस्थ जीवन जीने के लिए अच्छे तेल का इस्तेमाल बहुत ज़रूरी है। अगर आप भी अपने परिवार के सदस्यों को अच्छा और स्वस्थ जीवन देना चाहते हैं तो इन छोटी – छोटी बातों का रखें ख्याल।
पहचान छोटी ही सही लेकिन अपनी खुद की होनी चाहिए। इसी सोच के साथ जीती हूँ।अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखती हूं और ज़िन्दगी का स्वागत बड़े ही खुले दिल से करती हूँ। बाते और खाने की शौकीन हूँ । मेरी इस एनर्जी को चार्ज करती है, मेरे नन्ने बच्चे की खिलखिलाती मुस्कुराहट।