BIG FM और इंडियन कैंसर सोसाइटी (Indian Cancer Society) द्वारा यह पहल कोरोनावायरस महामारी के समय में कैंसर से झूझ रहे पीड़ितों के लिए शुरू की गई है। इस शो में आप मिलेंगे BIG FM RJ अभिलाष और ‘इंडियन कैंसर सोसाइटी’ एनजीओ (NGO) से जुड़े कैंसर सर्वाइवर्स से, जो कैंसर से अपनी लड़ाई की प्रेरणादायक कहानी आप सबको बताएँगे।
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शिवानी चरक
शिवानी चरक ने केवल ९ साल की उम्र में अपने आपको कैंसर का रोगी पाया था। उन कठिन परिस्थितियों को याद करते हुए शिवानी बताती है कि कैंसर से उनकी इस लड़ाई में उन्हें अपने परिवार का पूरा सहयोग मिला। इस एपिसोड में सुनें किस तरह एक साथ मिलकर उन्होंने कैंसर को हराया, और साथ ही, वो कैसे ‘इंडियाज़ टॉप वुमन स्पोर्ट क्लाइम्बर’ बनी।
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दीपा मलिक
पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित दीपा मलिक, जो अंतराष्ट्रीय पैरालिम्पिक खेलों में मैडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी थी, इस एपिसोड में बताती है कैसे कैंसर के कारण उनकी छाती से लेकर पाँव तक का पूरा शरीर पैरलाइज़ हो गया था। इस कारण उन्हें अकल्पनीय मुसीबतों का सामना करना पड़ा। यह जानना दिलचस्प होगा की कैसे दीपा अपनी सारी सीमाओं को भूलकर, पूरे साहस के साथ जीवन में आगे बढ़ी।
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लिपिका
प्रज्ञा की माताजी, लिपिका अपनी बेटी के ब्लड कैंसर और उससे जुड़ी सभी आर्थिक और भावनात्मक मुश्किलों के बारे में बताती हैं। साथ ही, लिपिका का कहना है कि प्रज्ञा ने बहुत बहादुरी से कैंसर का सामना किया। ‘लिव अ लिटल मोर’, इसी मंत्र को याद करते हुए वो आगे बढ़ी। आज प्रज्ञा अपने क्लास की टॉपर है।
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रणजीत कुमार
रणजीत कुमार, टीम पम्पकिन (Team Pumpkin) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बताते हैं कि केवल एक या दो बार नहीं, बल्कि कई बार उन्होंने कैंसर को हराया है। हर बार रणजीत को उनके परिवार और दोस्तों का पूरा साथ मिला। कैंसर के इस वाक्य ने रणजीत को हर दिन खुलकर जीने का महत्व समझा दिया।
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राजेश सावला
पशु एम्बुलेंस चलाने वाले राजेश सावला, 3 बार के हाफ-मैराथन रनर हैं। इस एपिसोड में सुनें किस तरह इस पेशे के प्रति उनकी रूचि बढ़ी, कैसे उन्हें अपने कैंसर के बारे में पता चला और कैसे कैंसर से जुड़ी सभी सामाजिक रूढ़ियों को पीछे छोड़, बहादुरी से अपना इलाज कराया। राजेश आज पूरी सकारात्मकता के साथ कहते हैं की वे एक उत्तरजीवी नहीं, विजेता हैं।
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प्रकाश अग्रवाल
इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) के वित्तीय संस्थान समूह के निदेशक और मुखिया, प्रकाश अग्रवाल बताते हैं किस प्रकार पहले उन्होंने एक बहुत बड़े एक्सीडेंट का सामना किया, और फिर कैंसर का। आज प्रकाश एक मैराथन रनर हैं। प्रकाश की सबसे बड़ी शक्ति उनकी पत्नी हैं, जिन्होंने प्रकाश को जीवन में ‘कभी हार ना मानने’ की सलाह दी है।