बातें कोरी बातें नहीं होती। उससे जुड़े होते हैं कई एहसास। तेरी मेरी बात में लाइव हिंदुस्तान की चीफ़ कंटेंट क्रिएटर और आपकी होस्ट पूनम जैन करेंगीं खूब सारी बातें, उन आदतों और बेचैनियों की, जो हमें अटकाती हैं, आगे बढ़ने से रोकती हैं।
आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है लाइव हिंदुस्तान प्रोडक्शन।
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मन की भी सफाई करते रहिए
शरीर के डीटॉक्सिफिकेशन की बात हम खूब करते हैं, पर मन को भी डिटॉक्सिफाई करना जरूरी है। घर-बाहर को चमकाना ही काफी नहीं होता। मन को मांजना भी जरूरी होता है। मन पर जो टॉक्सिक विचारों की परतें चढ़ जाती हैं, उन्हें भी तो उतारना चाहिए। मन की सफाई कैसे करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात।
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दिल से मनाएं दिवाली
दीवाली खुशहाली का त्योहार है। इस दिन हम धन, धान और ध्यान तीनों को ही पूजते हैं। हमारे धर्म और दर्शन धन को बुरा नहीं मानते, पर उसे सब कुछ भी नहीं मानते। हमारी जेब भले हल्की हो, पर यह भरोसा होना चाहिए कि हमारी मेहनत की कमाई खूब बरकत देगी। हमारा खर्च किया धन जिसके पास जाएगा, उसके चेहरे की खुशी बनकर चमकेगा। और उस रोशनी से बढ़कर क्या होगा, जिसमें सबकी खुशी शामिल हो। आप भी कम धनवान नहीं, तेरी मेरी बात में इसी पर बात
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इतनी रद्दी ! ना बाबा ना
त्योहार के दिन पास हैं। साफ-सफाई और ख़रीदारी का ढेर सारा काम भी करना है। इसी से जुड़ी एक बात है। हम नया सामान जोड़ते रहते हैं और पुराने का ढेर लगता रहता है। हम सामान ना खुद इस्तेेमाल करते हैं और ना उसे दूसरों के लायक छोड़ते हैं। बहुत सारी रद्दी यानी सामान की बर्बादी और हमारी सोच की गरीबी। फिर, सामान तो सामान होता है, रद्दी उसे हम बना देते हैं। चीजों को रद्दी करती हमारी सोच पर ही आज की तेरी-मेरी बात
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त्योहार पास, ना रखें मन उदास
कोविड-19 से थम गई जिंदगी की रफ्तार फिर से चलने लगी है। अब तो त्योहार भी शुरू हो गए हैं। धीरे-धीरे ही सही, सब वापस अपनी दुनिया में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। पर, कई लोग हैं जो अभी भी अटके हुए हैं। क्यों आप हर समय बुझे हुए रहते हैं? थोड़ा अपने मन को ठीक करिए ना। त्योहार पास, ना रखें मन उदास, तेरी मेरी बात में इसी पर बात
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शक्ति तेरे हाथ अनेक। Optimism । Self-introspection
जन्म से हमें दो हाथ मिले हैं। पर हम जितना ख़ुद को ‘इवॉल्व’ करते हैं, सुख-समृद्धि के कई हाथ उठ खड़े होते हैं। हम तन के साथ मन से जुड़ते हैं। भीतर की शक्ति की उंगली थामे हम धीरे-धीरे अपूर्ण से पूर्ण होने लगते हैं। माँ दुर्गा की तरह हमारी शक्ति के भी कई हाथ होते हैं। हमें अपने और हाथों को भी विकसित करना चाहिए। तेरी मेरी बात में इसी पर बात
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कामयाबी क़रीब है। Uplifting । Motivation
सफलता के मायने सबके लिए एक नहीं होते। किसी के पास काम नहीं है, यदि काम है तो वह उससे ख़ुश नहीं है। किसी को हमेशा काम छूटने का डर सताता रहता है। कोविड-19 ने इन संकटों को और बढ़ा दिया है। हम हर कार्य को सफलता की मंज़िल तक पहुँचा सकते हैं, शर्त ये कि काम के प्रति हम अपनी सोच बदलने में कामयाब हो जाएँ। करियर में कैसे पाएंँ सफलता, तेरी मेरी बात में इसी पर बात।
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थोड़ा काम तो खुद पर भी करिए | Independent | Self-improvement
झटका लगा नहीं कि अटक गए। कभी हालात के तो कभी दूसरों की गलत मंशा के झटके तो लगते ही रहते हैं। पर कई दफा हम इसलिए रुके रह जाते हैं कि आगे के रास्ते की तैयारी नहीं करते। हमें आगे बढ़ना है तो लगातार खुद पर काम भी करना होगा। और बेहतरी के लिए बदलाव का ये काम किसी हड़बड़ी में नहीं, हर दिन धीरे-धीरे करना होगा। थोड़ा काम हम खुद पर भी करें, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात
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कल्पनाएं कीजिए तो सही | Mindset | Positivity
बाहर की दुनिया की सीमाएं हैं, पर भीतर की नहीं। तर्क यानी लॉजिक्स हमें तय दूरी तक ले जाते हैं, पर कल्पनाएं कहीं भी ले जाती हैं। हमारे सपने, हमारी सोच की उंगली पकड़कर ही सच की सांसें ले पाते हैं। हम सब कल्पनाएं करते हैं, कल्पनाओं के घोड़े सबके दौड़ते हैं, पर उन्हें देर तक सब नहीं दौड़ा पाते। सोच के रास्ते में स्पीड ब्रेकर भी तो होते हैं। कल्पनाओं के रास्ते में रुकावटों के किलों को हटाएं, इसी पर तेरी-मेरी बात
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ज्यादा न सोचिए, कुछ करिए
हम सब चीजों को अपने काबू में करना चाहते हैं और, सब चीजें हमारे काबू में कभी नहीं होतीं। हमें चुनौतियों से पार पाने की कोशिश करनी चाहिए।
पर, चुनौतियां आएं ही नहीं या नतीजे मन मुताबिक ही हों, यह जिद और बेचैनी हमें बीमार कर देती है। हमें कुछ नहीं करने देती। एक ही चिंता में अटकाए रखती है।
सोचें नहीं तो कया करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात | -
प्रकृति के चहेते बनिए | Positivity | Mind-set | Life Lesson
शांति, प्रेम, सहयोग, संघर्ष और बदलाव के जितने रंग हमारे जीवन में हैं, उसे कहीं अधिक रंग हमारे इस प्रकृति में हैं। प्रकृति अपने चहेतों को बहुत कुछ दे देती है। कुछ होने या न होने के किसी भी गुमान को प्रकृति से बेहतर कोई समझ और समझा नहीं सकता। कैसे जिएं प्रकृति को, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात | आज की बात में हम सीधा प्रकृति के पास ही चलते हैं अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए|
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इतने भी कमजोर नहीं आप?
समस्या देखते ही हम घबरा उठते हैं। हमें लगता है कि हम मजबूती से इसका सामना नहीं कर पाएंगे। हम सोच ही नहीं पाते कि कभी अपने दुख से बाहर भी आ सकेंगे। हम अतियों में जीते हैं। छोटी सी बात पर बहुत खुश तो कभी बहुत दुखी। कभी खुद को ज्यादा ही मजबूत मान लेते हैं, तो कभी थोड़ा सा भी भरोसा नहीं रख पाते। कमजोर नहीं हैं आप, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात
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खूबसूरती से पकड़ें संजीदगी से छोड़ें |Mindset| Life Lesson | Self-Reflection |
हममें और कुदरत में एक अंतर है। हम पकड़ तो लेते हैं, पर उसी सहजता से छोड़ नहीं पाते। घर-ऑफिस के रिश्ते हों, पद -प्रतिष्ठा हो, वस्तुएं या विचार हों, अपने कदमों को पीछे करना मुश्किल ही होता है। एक बार चीज आकार लेती है, तो उससे अलग होने का काउंटडाउन भी शुरू हो जाता है। जीवन में पकड़ना और छोड़ना दोनों ही सुंदर होने चाहिए, तेरी मेरी बात में इसी पर बात |
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कहें अपना सच | Life Lesson | Self-Reflection | Understanding
हम सबके भीतर कई सच छिपे बैठे हैं। हमारे अपने छोटे-बड़े सच, जिन्हें हम बाहर निकलने से रोक देते हैं। हमारी सच्चाइयों के बारे में बात करना ज़रूरी है, हमारा अपने भीतर दुबका हुआ सच खलबली मचाने लगता है। इस विषय पर आज की चर्चा, खुद के बारे में यह सच्चाई वहां खुले में क्यों होनी चाहिए |
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अपनी अपनी आजादी | Life Lessons | Mindset | Positivity
मेरी मर्जी, मेरी आजादी,.. . यही कहते हैं ना। क्या मतलब होता है इसका। मैं चाहे ये करूं, मै चाहे वो करूं। नहीं, मेरी आजादी का मतलब दादागीरी कतई नहीं है। मेरी आजादी का मतलब दूसरे की आजादी में दखल देना नहीं हैं। किसी के आगे अड़ जाना या किसी को मजबूर कर देना, ये तो आजादी नहीं हुई. . . तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात
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बैठे ना रह जाएं | Life Lessons | Health
हम यूं ही बैठे रहते हैं। बैठना भी एक लत है। पहले मामूली कामों के लिए खड़े नहीं होते। फिर जरूरी कामों के लिए भी बैठे रह जाते हैं। हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने की यह आदत शरीर ही नहीं, सोच को भी बिठा देती है। कहीं आपको तो ये लत नहीं! इस कड़ी में, हम सक्रिय रहने के महत्व पर चर्चा करते हैं